कावेरी वन्यजीव अभयारण्य अनेक पशु-पक्षियों का निवास स्थान एक ऐसा गंतव्य है जिसे मुठाठी आने वाले यात्रियों को जरूर देखना चाहिए। इसे 14 जनवरी,1987 को वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया। लगभग 102 कि.मी. वर्ग क्षेत्र में फैला यह वन्यजीव अभयारण्य पूर्व व उत्तरी ओर से कावेरी नदी तथा पष्चिम व उत्तर- पूर्वी ओर से तमिलनाडु राज्य से घिरा है।
यहाँ की वनस्पति में पर्णपाती, जलीय व स्क्रब वन हैं। यहाँ पाए जाने वाले पशुओं में धब्बेदार हिरण, जंगली सूअर, चीता, तेंदुआ, हाथी, सांभर, मालाबर की विषाल गिलहरी, चार सींगो वाला मृग प्रमुख है जिसमें श्वेत भौंह वाली बुलबुल, ठिंगना कठफोड़वा,सरकीर मुर्गा तथा हरे बिल वाला मलकोहा आपको अपनी ओेंर आकर्षित करेंगे।
रेंगने वाले जंतु जैसे कछुआ, बंधी बंगाल का एक विषैला साँप,दलदलीय मगरमच्छ, कोबरा,रसेल का साँप् आदि भी वन्यजीव अभयारण्य में देखे जा सकते हैं। कावेरी वन्यजीव अभयारण्य संकटापन्न महासिर मछली के लिए प्रसिद्ध है जो यहाँ की नदियों में सुरक्षित है।
कावेरी राष्ट्रीय पार्क आने का सर्वोत्तम समय नवम्बर तथा मार्च महीने के बीच का है। यात्री इस वन्यजीव अभयारण्य की ढलानों पर चढ़ सकते हैं या फिर तेज बहती कावेरी नदी में नीचे की ओर बेड़ा डाल सकते हैं। अभयारण्य में घूमते हुए यात्री एक अन्य खेल एंगलिंग का भी मज़ा ले सकते हैं।