अगर आप मैसूर घूमने जा रहे हैं, तो यहां जरूर जाएं। यह म्यूजियम चामुंडी की पहाड़ियों पर करणजी झील के किनारे बना हुआ है। 20 मई 1995 को शुरू हुए यह म्यूजियम पूरी तरह से प्रकृति को समर्पित है। यहां आपको फूलों, पौधों और जानवरों के साथ-साथ दक्षिण भारत के भूगर्भीय संपदा के बारे में जानने को मिल जाएगा।
यहां आप पर्यावरण के साथ-साथ पौधों और जानवरों के पारस्परिक परिस्थितिकीय संबंधों के बारे में काफी कुछ जान सकते हैं। इसके अलावा आप यहां आप परिस्थितिकी, जैव विविधता और प्रकृति के उद्भव व संरक्षण के बारे में भी जानकारी जुटा सकते हैं। साथ म्यूजियम में विभिन्न प्रकार के मॉडल और ऑडियो-विजुअल सामग्रियों का भी प्रदर्शन किया जाता है।
आप यह म्यूजिमय बिना किसी शुल्क के सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच घूम सकते हैं।