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नगरकोइल पर्यटन – प्रकृति की गोद में

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नगरकोइल तमिलनाडु राज्य में कन्याकुमारी के अत्यंत निकट स्थित एक शांत शहर है तथा भारतीय प्रायद्वीप के छोर पर स्थित है और भारतीय महाद्वीप का सुदूर दक्षिणी शहर है। यह सोता हुआ दक्षिण भारतीय शहर पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है क्योंकि इसे प्रकृतिं मां का आशीर्वाद प्राप्त है अत: यहाँ अनेक सुंदर और दर्शनीय स्थान है जो कंक्रीट के जंगलों से आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।  किवदंती के अनुसार इस स्थान का नाम नागराज मंदिर (साँपों के राजा का मंदिर) के नाम पर पड़ा है जो शहर के मध्य में स्थित है।  यह मंदिर राज्य के हिंदुओं के लिए पूजा का प्रमुख स्थान है। यह मंदिर प्रतिवर्ष हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है। कुछ लोगों का ऐसा विश्वास है कि इस मंदिर के स्थान पर कभी जैन मंदिर हुआ करता था। इस शहर के लोग अपने समृद्ध ऐतिहासिक इतिहास पर गर्व महसूस करते हैं जो वैभव और साहस से भरा हुआ है। इतिहास बताता है कि 1947 में भारत की स्वतंत्रता के पश्चात यह शहर लगभग 10 वर्षों तक त्रावणकोर राज्य का एक भाग था। वर्ष 1956 में कन्याकुमारी जिले के साथ ही नगरकोइल भी तमिलनाडु राज्य का एक भाग बना।  इस शहर पर विभिन्न राजवंश के राजाओं ने राज्य किया। नगरकोइल पर चेर, चोल और पांड्य राजवंशों ने शासन किया। इन राजवंशों ने इस क्षेत्र पर नियंत्रण करने के लिए युद्ध किये क्योंकि यह बहुत उपजाऊ क्षेत्र था और इसीलिये खेती और सिंचाई के लिए आदर्श स्थान था।  झरने और प्राकृतिक सुंदरता – नगरकोइल में तथा इसके आसपास पर्यटन स्थल अपने सुंदर परिदृश्य के कारण आज नगरकोइल तमिलनाडु राज्य का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। इसके एक ओर अरब सागर है तथा दूसरी ओर पश्चिमी घाट हैं।  यहाँ के पहाड़, घास के मैदान और हरा नीला समुद्र पहली बार यहाँ आने वालों को रोमांचित कर देता है। पूरे देश से या विदेश से अगर कोई कन्याकुमारी या आसपास के स्थान की सैर करने के लिए आता है तो वह नगरकोइल अवश्य आता है।

यहाँ के दर्शनीय स्थलों तथा प्राकृतिक सुंदरता के कारण इस स्थान को महत्व प्राप्त हुआ है। यह स्थान मुख्य रूप से अपने सुंदर ओलाकरुवी झरनों के लिए प्रसिद्ध है।  और क्या.... इस शहर के लोग शांतिप्रिय और सरल है तथा स्थानीय लोग पर्यटकों के साथ प्यार और स्नेह का व्यवहार करते हैं। यह एक सुरक्षित पर्यटन स्थल है तथा यहाँ अपराध न के बराबर होते हैं। यहाँ तक कि छोटे छोटे झगड़े भी आपस में ही बिना हिंसा के सुलझा लिए जाते हैं। यहाँ लौंग और इलायची के खेत भी हैं।

इसके लिए ब्रिटिश लोगों को धन्यवाद देना होगा जो स्वतंत्रता पूर्व यहाँ आकर बसे थे। ब्रिटिशों के कई उत्तराधिकारियों के बाग़ आज भी यहाँ पर हैं। जैसे ही आप इन खेतों में प्रवेश करते हैं वैसे ही आपको इलायची की खुशबू आने लगती है। नगरकोइल की भौगोलिक स्थिति रोचक होने के कारण यहाँ पश्चिमी और पूर्वी संस्कृति का सम्मिश्रण देखने मिलता है। वास्तव में इस शहर में पूर्वी और पश्चिमी रेलवे का मिलन बिंदु है। एक लाइन केरल से आती है तथा कोकण मार्ग पर स्थित है।  दूसरी लाइन तमिलनाडु से आती है तथा यह तिरुनेल्वेली मार्ग पर है। नगरकोइल कैसे पहुंचे इस शहर तक रास्ते और रेलमार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है क्योंकि यहाँ रास्तों का अच्छी तरह से प्रबंधित नेटवर्क है तथा यहाँ दो रेलवे स्टेशन हैं जहाँ पड़ोसी शहरों और राज्यों से बहुत सी ट्रेने आती हैं| नगरकोइल का मौसम

इसकी भौगोलिक स्थिति के कारण यहाँ गर्मियों का मौसम गर्म तथा ठंड का मौसम ठंडा होता है। गर्मियों के दौरान नगरकोइल की यात्रा नहीं करनी चाहिए क्योंकि अधिक गर्मी के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आ सकती हैं। हालाँकि उत्तर की तुलना में नगरकोइल में ठंड का मौसम खुशनुमा होता है। अधिकाँश पर्यटक दिसंबर और जनवरी के महीने में यहाँ की यात्रा करते हैं क्योंकि इन दो महीनों में यहाँ की यात्रा आरामदायक होती है।

 

नगरकोइल इसलिए है प्रसिद्ध

नगरकोइल मौसम

घूमने का सही मौसम नगरकोइल

  • Jan
  • Feb
  • Mar
  • Apr
  • May
  • Jun
  • July
  • Aug
  • Sep
  • Oct
  • Nov
  • Dec

कैसे पहुंचें नगरकोइल

  • सड़क मार्ग
    यह शहर अन्य प्रमुख शहरों से रास्तों के अच्छे नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। यह शहर कन्याकुमारी, कोच्चि, तिरुवनंतपुरम तथा अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है। केरल से नियमित तौर पर राज्य परिवहन की बसें नगरकोइल जाती हैं। डीलक्स बसें तथा निजी टैक्सियाँ भी उपलब्ध हैं।
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  • ट्रेन द्वारा
    देश के किसी भी भाग से नगरकोइल दो स्टेशनों द्वारा जुड़ा हुआ है; त्रिवेंद्रम सेंट्रल और तिरुनेल्वेली जंक्शन। यह शहर कन्याकुमारी से भी रेलमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है जो नगरकोइल रेलवे स्टेशन से 15 किमी. की दूरी पर स्थित है। रेल द्वारा कन्याकुमारी से नगरकोइल पहुँचने के लिए 10 मिनिट का समय लगता है।
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  • एयर द्वारा
    कन्याकुमारी या नगरकोइल में हवाई अड्डा नहीं है। कन्याकुमारी का निकटतम हवाई अड्डा तिरुवनंतपुरम में स्थित तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो केरल की राजधानी है। कन्याकुमारी तथा हवाई अड्डे के बीच की दूरी लगभग 82 किमी. है। तिरुवनंतपुरम का हवाई अड्डा देश विदेश के अन्य प्रमुख हवाई अड्डों से नियमित उड़ानों द्वारा जुड़ा हुआ है।
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