नामची से 5 किमी दूर सोलोफोक हिल्स पर स्थित चारधाम सिक्किम का एक चर्चित तीर्थ स्थान है। भगवान शिव को समर्पित चार धाम के साथ कई रोचक कहानियां भी जुड़ी हुईं हैं।
ऐसी मान्यता है कि कुरुक्षेत्र में कौरव और पांडव की लड़ाई के दौरान अर्जुन ने इसी स्थान पर भगवान शिव की पूजा की थी। कहा तो यह भी जाता है कि अर्जुन की भक्ति से खुश होकर भगवान शिव प्रकट हुए और अर्जुन को आर्शीवाद भी दिया। इसी कारण युद्ध में पांडवों की जीत हुई।
7 एकड़ में फैले चारधाम में भगवान शिव की 16 फिट ऊंची मूर्ती है। जिस स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति स्थापित है वह स्थान रामेश्वर से मिलता-जुलता है। इतना ही नहीं चारधाम परिसर में कई निर्माण ऐसे हैं जो बद्रीनाथ, जगन्नाथ और द्वारका से मिलता-जुलता है। मंदिर का परिसर चार भागों में विभक्त है- 12 ज्योतिर्लिंग के साथ भगवान शिव की प्रतिमा, चारधाम, एक साई मंदिर और नंदी महाराज के बगल में कीरातेश्वर की प्रतिमा।