चोर गुंबद का निर्माण अफ़गान जमाल खान ने फ़िरोज़ शाह तुगलक के शासन काल में किया था। सुनियोजित तरीके से बनी इस वर्गाकार इमारत में बाहर की ओर चार मीनारें हैं और अंदर की ओर एक बड़ा कक्ष है। बाद में यह चोरों और लुटेरों के छिपने की जगह बन गया और इसलिए इस इमारत को चोर गुंबद कहा जाता है।
इस स्मारक को शहर का साइनबोर्ड कहा जाता है और यह नारनौल की अन्य इमारतों से अलग स्थित है। यह इस क्षेत्र का महत्वपूर्ण लैंडमार्क है और इसकी संरचना को सुरक्षित रखने के लिए वर्तमान में इसमें सुधार किया गया है।