गुरुद्वारा शहीदगंज तलवंडी जत्तन, सूबेदार शम्स खान के खिलाफ लड़ाई में मारे गए सैनिकों के सम्मान में बनवाया गया था। गोडरिया सिंह, लोडरिया सिंह और रूप कौर बेहराम ने सूबेदार के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, जिसने एक लड़की का अपहरण किया था।
यह गुरुद्वारा वही स्थान है, जहां शहीद सिख सैनिकों का अंतिम संस्कार किया गया था। सिख गुरुओं की वर्षगांठ पर यहां विभिन्न समारोह आयोजित किये जाते हैं। यह समारोह पूरे देश भर से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को इस धार्मिक स्थल की ओर खींचते हैं। गुरुद्वारा राहोन रेलवे स्टेशन से लगभग 10 किमी दूर है।