नीमच, 30 जून 1998 में निर्मित एक जिला जो पहले मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले का एक भाग था। ब्रिटिश शासन के दौरान नीमच एक छावनी शहर था जिसे नार्थ इंडिया माउंटेड आर्टिलरी एंड केवेलरी हेडक्वार्टर (एनआईएम्एसीएच) के नाम से जाना जाता था। वर्ष 1939 में नीमच को क्राउन्स रिप्रेजेनटेटिव पुलिस फ़ोर्स में बदल दिया गया। इस प्रकार नीमच को मध्यप्रदेश में एक छावनी शहर के रूप में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।
नीमच एवं इसके आसपास के पर्यटन स्थल
नीमच पर्यटन के दौरान आप नीमच एवं इसके आसपास स्थित विभिन्न स्थलों का आनंद उठा सकते हैं। नीमच के आसपास कुछ बेहद रंगीन बाज़ार हैं। सुखानंदजी आश्रम, नवा तोरण मंदिर, गांधी सागर बाँध(डैम), गांधी सागर अभयारण्य, भद्वमाता मंदिर आदि पर्यटकों द्वारा देखने योग्य स्थल हैं।
नीमच में पर्यटकों के देखने के लिए बहुत कुछ है अत: मध्यप्रदेश में पर्यटन के लिए यह एक प्राथमिक स्थल के रूप में उभर रहा है।
परंपरा एवं इसकी अद्वितीयता
नीमच में मुहर्रम के दौरान निकलने वाला ताज़िआ का जूलूस पर्यटकों को मुख्य रूप से आकर्षित करता है। यह लगभग 150 वर्ष पुराना है। यह जुलूस इमाम हुसैन की शहादत का प्रतीक है। नीमच जिला संपूर्ण प्रदेश में प्रसिद्ध है। नीमच में कई पर्यटन स्थल हैं, अत: पर्यटक अपने समय का सदुपयोग कर सकते हैं।
नीमच कैसे पहुंचे
नीमच मध्यप्रदेश के अन्य भागों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। सबसे नजदीक का हवाईअड्डा उदयपुर में है।
नीमच भ्रमण के लिए उत्तम समय
ठंड का मौसम यह स्थान देखने के लिए सबसे अच्छा है।