हरा भरा और मनोहर नरसा आपको एक अनोखी छुट्टी मानाने का बेहतरीन मौका देता है। यह छोटा सा गाँव, जो कर्नाटक और गोवा के बोर्डर पर बसा है, हरे भरे महादी वैली में है जिसको दुनिया की भरपूर जैव-विविधता वाली जगह भी माना जाता है। पक्षी प्रेमी और वन्य जीव उत्साही लोगों के लिए नरसा स्वर्ग से कम नहीं है और यहाँ रहने पर पर्यटकों को एक छोटे गाँव में रहने का मज़ा भी मिलता है।
नरसा में क्या देखें
प्रकृति अपने जीवंत रूप में नरसा में दिखलाई पड़ती है। वेस्टर्न घाट्स के हरे पहाड़ और घने जंगल, ट्रेक्किंग, बर्ड वाचिंग और जानवर देख पाने की लिए बिलकुल उपयुक्त है। नरसा में छुट्टी मानते वक़्त आप पास की जगह जैसे भीमगढ़, कोंगला, अब्नाली और जामगांव देखने जा सकते हैं।
इनमें से कुछ जगह पहुँच से बाहर हैं और आपके पास चल कर पहुँचने के अलावा कोई चारा नहीं बचता। जो लोग बाहर जाना पसंद करते हैं उनको मुश्किल ट्रेक आकर्षित करेगी और ढेरों पक्षियों, तितलियों और स्थानीय जानवरों का दिखना यहाँ पर आना सच में लाभकर बनाता है।
नरसा का एक कभी न भूलने वाला नज़ारा है तलेवादी के चमगादड़। यहाँ पर करीबन 40 प्रकार के चमगादड़ों को देखा गया है। लोंदा जंगल के बरपेदी गुफा में 200 से ज्यादा चमगादड़ रहते हैं।
कैसे जाएं नरसा
सबसे पास वाला रेलवे स्टेशन खानपुर में है। गाँव बंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से 500 किलोमीटर की दूरी पर है। आप रात भर के लिए लक्सरी बस लेकर भी बेंगलूरु से नरसा पहुँच सकते हैं।