नृत्यग्राम की यात्रा के दौरान पर्यटक विभिन्न गुरुकुलों की सैर करते हैं जो देश का पहला सामयिक गुरुकुल माना जाता है। यह कर्नाटक का एक प्रमुख कलात्मक और सांस्कृतिक केन्द्र है और इसकी स्थापना साल 1990 में प्रसिद्द ओडिसी नृत्यांगना प्रोतिमा बेदी द्वारा की गई थी। नृत्यग्राम शास्त्रीय प्रकृति नर्तकों का एक समाज है जो दूरदराज के इलाके में प्रकृति के बीच स्थित है। यह स्थान ओडिसी नृत्य के कुछ अच्छे समूहों के लिए जाना जाता है। नृत्यग्राम में मिट्टी के अनेक घर, एक सुंदर मंदिर, योग केंद्र और बहुत से अतिथी कॉटेज हैं। पर्यटक नृत्यग्राम के विभिन्न गुरुकुल जैसे ओडिसी गुरुकुल, मोहिनीअट्टम गुरुकुल और कत्थक गुरुकुल की सैर अवश्य करते हैं। नृत्य के इन प्रकारों के अलावा यहाँ अन्य भारतीय शास्त्रीय नृत्यरूपों जैसे भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी, कथकली और मणिपुरी का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। क्लास सप्ताह में छह दिन और प्रतिदिन आठ घंटे की होती है तथा यहाँ पुरानी गुरू शिष्य परंपरा का पालन किया जाता है।