समर्पण का मंदिर शास्त्रीय नृत्य के लिए एक आवासीय स्कूल है जिसका निर्माण 1998 में हेसारगट्टा झील के पास किया गया था। इसे सुंदर नक्काशियों और गुरू केलुचरण मोहपात्रा के विभिन्न नृत्यमुद्राओं के रूपांकन से सजाया गया है। गुरू केलुचरण मोहपात्रा मंदिर की संस्थापक प्रोतिमा गौरी बेदी के गुरू थे।
8 जनवरी 1926 को जन्मे मोहपात्रा एक प्रसिद्द भारतीय शास्त्रीय नर्तक, गुरू और ओडिसी नृत्य प्रकार के प्रवर्तक थे। उन्हें 20 वीं सदी में भारतीय शास्त्रीय नृत्यरूपों की पुनःस्थापना के लिए भी जाना जाता है। गुरू की मृत्यु 7 अप्रैल 2004 को हुई। नृत्यग्राम की यात्रा के समय समर्पण के मंदिर को अवश्य देखना चाहिए।