पर्यटकों को नुब्रा घाटी तक पहुंचने के लिए खार्दूंग ला दर्रा ही एक मार्ग है। दर्रा, जो अन्यथा के-टॉप के नाम से जाना जाता है, 'लोअर कासेल का दर्रा' के नाम से जाना जाता है। 18,380 फुट की ऊंचाई पर स्तिथ, खार्दूंग ला दुनिया का सबसे ऊँचा गाडी चलाने योग्य सड़क के रूप में घोषित किया गया है।
के-टॉप के निर्माण का कार्य 17 अगस्त, 1972 को 201 इंजीनियर रेजिमेंट, भारतीय सेना के मद्रास सैपर्स की मदद से शुरू किया गया था। उन्हें इस निर्माण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक साल लगा और अंत में 1973 में 27 अगस्त को सड़क जनता के लिए खोला गया।
सीमा सड़क संगठन को साल भर खार्दूंग ला दर्रा के रखरखाव की जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि इस दर्रे के माध्यम से यात्रा करते वक़्त, पर्यटक काराकोरम और लद्दाख श्रंखला के सुंदर दृश्य का आनंद ले सकता हैं जोकि इसके उत्तर और दक्षिण में क्रमशः स्तिथ हैं।