लक्ष्मी नारायण मन्दिर अनोखी स्थापत्य कला का एक और शानदार उदाहरण है जो किले और मन्दिर का सुन्दर मिश्रण है। सन् 1622 में वीर सिंह देव द्वारा निर्मित और सन् 1793 में पृथ्वी सिंह द्वारा पुनर्निर्मित इस मन्दिर की अन्तरिक दीवारें पौराणिक विषयों के उत्कृष्ट भित्त चित्रों...
ओरछा में रिवर राफ्टिंग भारी संख्या में बच्चों और लोगों को आकर्षित करती है जो लोग काफी साहसिक होते हैं। सुन्दर स्मारकों और ओरछा के कम प्रदूषित वातावारण के बीच से बहती हुई तीव्र बहाव वाली बेतवा विन्ध्य पर्वत श्रृंखला से निकलकर यमुना नदी में मिलती है। नदी के इसी...
राजा महल या ओरछा के तत्कालीन शासकों शाही निवास उत्कृष्ट सुन्दरता प्रदर्शित करता एक शानदार संरचना है। बाहरी स्तर पर पूरा परिसर लाटों से सजा है जबकि आन्तरिक सज्जा में सर्वश्रेष्ठ भित्तिचित्रों की भव्यता है। प्रचीन भारतीय मण्डपों की तर्ज पर राजा महल में भी दो...
ओरछा के सुन्दर शहर में स्थित रानी महल एक ऐसा स्थान है जहाँ से आप पूरे शहर के साथ-साथ बेतवा नदी की झलक पा सकते हैं। अनोखे ढंग से निर्मित रानी महल एक जटिल संरचना है जो प्यारी स्थापत्य कला प्रदर्शित करता है।
रानी महल अपनी दीवारों पर चित्रकारी के लिये जाना जाता...
दाऊजी की हवेली वास्तव में ओरछा का सूक्ष्म शाही महल है जो देखने में बहुत सुन्दर है। दाऊजी की हवेली ओरछा के व्यावसायी वर्ग की परिष्कृत तकनीक से निर्मित शाही महलों का प्रतिरूप है। यह मूल रूप से बीते युग के विशाल महलों वाले विस्तृत सोच और निर्माण को सूक्ष्म रूप में...
फूलबाग, ओरछा का सुन्दरतम् बगीचा है जो ओरछा शहर के कभी शासक रहे बुन्देल शासकों संरचनात्मक प्रदर्शन को प्रतीक है। इस बगीचे की नयनाभिरामी सुन्दरता के कारण यहाँ के राजाओं का गर्मियों का पड़ाव हुआ करता था।इस बाग को ओरछा के राजकुमार दिनमान हरदौल की याद में बनवाया गया...
छतरियों का अर्थ है शाही समाधियाँ जो ओरछा में नदी के किनारे एक अनोखा आकर्षण उत्पन्न करती हैं। बेतवा नदी के कंचन घाट पर ऐसे 14 स्मारक हैं। ओरछा के शासकों की याद में बनवाये गये ये स्मारक 17वीं और 18वीं शताब्दी के हैं।
ये छतरियाँ बुन्देल राजाओं के सम्मान में...
दिनमान हरदौल पैलेस को प्राचीनकाल में दो भाइयों के बीच आपसी प्यार और सम्मान के प्रतीक रूप में निर्मित किया गया था। वास्तुकला में समृद्ध यह महल महत्वपूर्ण ऐतिहासिक विरासत को दर्शाता है। इस पैलेस को दिनमान हरदौल के सम्मान में बनवाया गया था जिन्होंने अपने भाई जुझार के...
चन्द्रशेखर आजाद मेमोरियल भारत माता के बहादुर सपूत और स्वतन्त्रता संग्राम योद्धा चन्द्रशेखर आजाद के बलिदान को संरक्षित रखने के सराहनीय प्रयास है। ओरछा से 6 किमी दूर स्थित यह स्थान शहीद चन्द्र शेखर आजाद के निष्कासन के दौरान के जीवन का लेखा-जोखा है।
प्रेरणादायक...
ओरछा का सुन्दर महल प्रचीन काल से ही इस स्थान के भव्यता को दर्शाने वाला एक और प्रसिद्ध स्थापत्य कला का उदाहरण है। सुन्दर महल को अक्सर प्यार के महल के रूप में माना जाता है क्योंकि इसे हिन्दू राजकुमार धुरभजन और उनकी मुस्लिम प्रेयसी के प्रगाढ़ प्रेम की याद में बनवाया...