जटा शंकर गुफा पचमढ़ी की प्राकृतिक गुफाएं हैं। यह शैव परंपरा को मानने वालों के लिए पूजा का एक महत्व पूर्ण स्थान् है। गुफा के अंदर एक बड़ा शिवलिंग है। यह शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बना हुआ है। कथा के अनुसार यह वह स्थान है जहाँ शिव ने स्वयं को भस्मासुर से छिपाया था। हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार यहाँ प्राकृतिक रूप से चट्टानों से बनी हुई एक संरचना है जो सौ सिरों वाले सर्प शेषनाग की तरह दिखती है।
इस गुफा की चट्टानें भगवान शिव के गुथे हुए बालों की तरह दिखती हैं। अत: चट्टानों के विशिष्ट आकार के कारण इसका नाम जटा शंकर पड़ा क्योंकि जटा का अर्थ है बाल और शंकर भगवान शिव का दूसरा नाम है। जंबूद्वीप धारा जटा शंकर गुफाओं से प्रारंभ होती है। यह पिकनिक मनाने वाले और पूजा करने वालों दोनों के लिए आकर्षण का स्थान है।