पालक्कड़ किला, जिसे टीपू के किले के नाम से भी जाना जाता है, पालक्कड़ जिले की लोकप्रिय ऐतिहासिक इमारत है। सन् 1766 में मैसूर के महान राजा हैदर अली द्वारा निर्मित यह किला शहर के केन्द्र में स्थित है और सड़क द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
मैसूर के राजाओं...
कालपथी मन्दिर, जिसे कालपथी विश्वनाथ स्वामी तार्थ के नाम से भी जाना जाता है, केरल के सबसे पुराने शिव मन्दिरों में से एक है। इसका इतिहास 14वीं शताब्दी का है और इसकी स्थापत्य शैली मनमोहक है जिसके कारण यह श्रृद्धालुओं और पर्यटकों को समान रूप से आकर्षित करता है।...
जैन मन्दिर एक ऐसी ऐतिहासिक इमारत है जो पालक्कड़ की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है। पालक्कड़ कस्बे से कुछ किमी की दूरी पर स्थित जैनमेदू नामक एक सुन्दर जगह पर यह मन्दिर स्थित है। चन्द्रनाथा मन्दिर के नाम से भी जाना जाने वाला यह मन्दिर भारत के कुछ जैन मन्दिरों में से...
धोनी जलप्रपात एक अनछुआ किन्तु आश्चर्यचकित रूप से सुन्दर झरना है जहाँ पर उन लोगों को अवश्य जाना चाहिये जो प्रकृति के करिश्में को पास से महसूस करना चाहते हैं। पालक्कड़ से 15 किमी की दूरी पर स्थित धोनी एक छोटा सा पहाड़ी गाँव है और जलप्रपात के चारों ओर का घना जंगल इस...
परम्बिकुलम् वन्यजीव अभ्यारण्य पालक्कड़ के प्रमुख आकर्षणों में से एक है और यह पश्चिमी घाट के दक्षिणी छोर पर संगम पहाड़ियों पर स्थित है। यह तरो-ताजा कर देने वाला स्थान पशु और पौधों की कई प्रजातियों का घर है और वन्यजीव उत्साही, प्रकृति प्रेमी और ट्रेकिंग करने वालों के...
पालक्कड़ कस्बे से लगभग 40 किमी की दूरी पर स्थित कंजीरापुझा एक सुन्दर शहर है। इस शहर का मुख्य आकर्षण इसका बाँध है जो कि पश्चिमी घाट की पृष्ठभूमि के साथ अद्भुद दिखता है। बाँध और जलाशय सिरूवानी नदी पर बनाये गये हैं और क्षेत्र की प्राकृतिक सुन्दरता पर्यटकों को आकर्षित...
पालक्कड़ जिले का एक बड़ा कस्बा ओट्टापालम भारतपुझा नदी के किनारे पर स्थित है। यह कस्बा अपनी भिन्न संस्कृति और पुरानी परम्पराओं के कारण पालक्कड़ के बाकी हिस्सों से अलग है।
ओट्टापालम कस्बे से 8 किमी की दूरी पर स्थित किलीक्कुस्सीमंगलम् क्षेत्र का प्रमुख आकर्षण है।...