धोनी जलप्रपात एक अनछुआ किन्तु आश्चर्यचकित रूप से सुन्दर झरना है जहाँ पर उन लोगों को अवश्य जाना चाहिये जो प्रकृति के करिश्में को पास से महसूस करना चाहते हैं। पालक्कड़ से 15 किमी की दूरी पर स्थित धोनी एक छोटा सा पहाड़ी गाँव है और जलप्रपात के चारों ओर का घना जंगल इस क्षेत्र की सुन्दरता को और भी बढ़ा देता है।
यह ट्रेकिंग करने वालों के लिये आदर्श जगह है क्योंकि धोनी पहाड़ियों की चोटी तक पहुँचने में ट्रेकिंग द्वारा लगभग 3 घण्टे का समय लगता है। जंगल में ट्रेकिंग के रास्ते से गुजरते अत्यन्त सुखद अनुभव होता है और हलाँकि जंगल के आन्तरिक हिस्सों में वन्यजीव प्रचुर संख्या में हैं किन्तु जलप्रपात तक का रास्ता पैदल यात्रा के लिये सुरक्षित है।
मानसून के बाद का समय जलप्रपात पर आने के लिये उपयुक्त है क्योंकि इस समय तक आसपास नई हरियाली के साथ-साथ धाराओं में जलस्तर भी बढ़ जाता है। जलप्रपात के रास्ते में सन् 1857 में सामूहिक निवास के रूप में निर्मित कवराकुन्नू बंग्ले के अवशेष भी देखे जा सकते हैं। यात्रियों को यहाँ आते समय अपने साथ भोजन, पानी और नाश्ता लाने की सलाह दी जाती है क्योंकि आसपास किसी भी प्रकार का भोजनालय पाना मुश्किल है।