पालक्कड़ जिले का एक बड़ा कस्बा ओट्टापालम भारतपुझा नदी के किनारे पर स्थित है। यह कस्बा अपनी भिन्न संस्कृति और पुरानी परम्पराओं के कारण पालक्कड़ के बाकी हिस्सों से अलग है।
ओट्टापालम कस्बे से 8 किमी की दूरी पर स्थित किलीक्कुस्सीमंगलम् क्षेत्र का प्रमुख आकर्षण है। लक्किडी के निकट स्थित किलीक्कुस्सीमंगलम् प्रसिद्ध कवि कुंजन नाम्बियार का जन्मस्थान है कि जिन्हें केरल के साहित्यिक इतिहास में एक अनोखी नृत्य शैली ओट्टनथुल्लल के जनक के रूप में जाना जाता है।
ओट्टापालम आने वाले पर्यटक कुछ ही किमी की दूरी पर चेरूथुरूथी में स्थित केरल कलामण्डलम् का भ्रमण कर सकते हैं जहाँ छात्रों को कला और संगीत दीक्षा प्रदान की जाती है। सन् 1827 में निर्मित कलामण्डलम् केरल की कई मूल नृत्य शैलियों को प्रोत्साहित करने के लिये प्रतिबद्ध है जिनमें कथककली, भरतनाट्यम, कूडियट्टम और मोहिनीयट्टम शामिल हैं।
ओट्टापालम अपने प्रसिद्ध मन्दिरों के कारण भी लोगों को आकर्षित करता है जिनमें चिनाकथूर कवू मन्दिर (चिनाकथूर पुरम के लिये जाना जाता है) और परियनमपत्ता मन्दिर (लोकप्रिय रूप में वलूवन्दन मूकाम्बिका के नाम से प्रसिद्ध) शामिल हैं।