पलानी दंडायुधपाणिस्वामी मंदिर,(मुरूगन मंदिर) पहाड़ी की एक चोटी पर बसा है तथा यात्रियों को यहां पहुंचने के लिए 600 से ज्यादा सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं या वे रोप कार द्वारा यहां पहुंच सकते हैं। पहाड़ियों की ऊंचाई से पूरे शहर का शानदार नजारा दिखाई पड़ता है, जिसे कोई भी यात्री छोड़ना नहीं चाहेगा।
मंदिर का निर्माण चेर वंश के चेरामन पेरूमल के द्वारा किया हुआ माना जाता है। पांड्य तथा चोलों द्वारा 8वीं से 13वीं सदी के मध्य मंदिरों को पुनरूद्धार व विस्तार किया गया था। उन्होनें अपने शासनकाल में अपनी वास्तुकला शैली के अनुसार मंदिरों में गोपुरम व मंडपम बनवाये।
पलानी धंडायुथपनी मंदिर भारत के उन चंद मंदिरों में से एक है, जहां भगवान मुरूगन की कुमारम के रूप में पूजा की जाती है।