पारादीप, उड़ीसा के जगतासिंहपुर जिले का एक तेजी से विकसित होने वाला औद्योगिक क्षेत्र है। पारादीप, भुवनेश्वर हवाई अड्डे से 125 किलोमीटर और कटक रेलवे स्टेशन से लगभग 95 किमी की दूरी पर है। पारादीप बंदरगाह, पारादीप को भारत के पूर्वी समुद्री किनारे पर स्थित सबसे बड़े समुद्र तटीय शहरों में से एक बनाता है। यह राज्य का सबसे पुराना बंदरगाह है।
पारादीप की क्षमता को जानने के बाद, इस्पात संयंत्रों, एल्यूमिना रिफाइनरी, एक पेट्रोकेमिकल परिसर, ताप विद्युत संयंत्रों, सभी के लिए योजना बनाई जा रही हैं। इस तरह के उद्योगों के बारे में अधिक जानकारी के उत्सुक लोगों के लिए, पारादीप पर्यटन बहुत कुछ पेश करता है।
उन लोगों को जो प्रकृतिक सुंदरता को निहारना चाहते हैं उनके लिए बड़े और विस्तृत समुद्र तट, उष्णकटिबंधीय सूरज, हरे-भरे जंगल, पानी की प्राकृतिक धाराएँ, सब मिल कर इसे स्वर्ग बना देते हैं साथ में अगर रोमांस करना है तो बात ही क्या है।
पारादीप के आस-पास के पर्यटन स्थल
यह परिवार के साथ यात्रा करने के लिए एक आदर्श जगह है, जहाँ आप पारादीप बीच के झिलमिलाते सुनहरे पानी में तैराकी या स्ट्रॉलिंग का मजा ले सकते हैं। यात्री यहाँ के साफ़-सुथरे और हर-भरे ‘स्मृति उद्यान’ में आराम कर सकते हैं। यह उन लोगों को समर्पित है जिन्होंने वर्ष 1990 के अंत में आए साइक्लोन (चक्रवात) में पारादीप में अपनी जान गवाँ दी थी।
म्यूज़िकल फाउंटेन भी देखने लायक है। गहिरमाथा तट, सफेद मगरमच्छ की एक दुर्लभ प्रजाति का घर है, और यह सफेद मॉनिटर छिपकली, समुद्री कछुए, प्रवासी पक्षियों के साथ ही हिरणों के लिए भी प्रसिद्ध है। भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान, जो मैंग्रोव वनस्पतियों और क्रिस-क्रॉस करती नदियों और धाराओं का एक जंगल है।
यह आपको सौ साल पीछे के इतिहास में ले जा सकता है, जब मनुष्य, प्रकृति और जानवर आपस में मिलजुल कर सद्भावना के साथ रहते थे। पारादीप मैरीन एक्वेरियम के 28 टैंकों में रखी मछलियों की विभिन्न प्रजातियाँ देख कर हैरानी से आपका मुँह खुला रह जाएगा।
वार्षिक कार फेस्टिवल के दौरान पारादीप के जगन्नाथ मंदिर में आने वाले पर्यटक, आम तौर पर सभी धर्मों के लोगों को भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचते हुए देख कर आश्चर्यचकित रह जाते हैं। यहाँ आप सही मायने में धर्मनिरपेक्ष भारत की एक झलक देख सकते हैं।
पारादीप पर्यटन लाईट हाउस और नेहरू बंगलो दिखाने की भी व्यस्था करता है जो पारादीप से 12 किमी की दूरी पर स्थित है। पारादीप के विभिन्न आकर्षणों में से एक हनुमान मंदिर भी है।
मूह में पानी ला देने वाले सी-फ़ूड और ताज़ा पेय
यहाँ का सी फ़ूड आपको और माँगने के लिए मजबूर कर देता हैं। फिश और प्रॉन यहाँ के सबसे स्वादिष्ट आइटम है। पारादीप लस्सी या नारियल से बनी गावेस्कर लस्सी हर आगंतुक को ललचाती है। मधुवन मार्केट बिल्डिंग के दिल्ली दरबार की एक प्लेट बिरयानी आपको और माँगने पर मजबूर कर देगी। प्रसिद्ध बिरयानी 99 सबसे ज्यादा ऑडर की जाती है।
पारादीप का मौसम
पारादीप की जलवायु को मुख्यतः तीन मौसमों में बांटा जा सकता है, अर्थात्, गर्मी, सर्दी और मानसून। ग्रीष्मकाल गर्म और आर्द्र होता हैं जबकि सर्दियाँ बहुत ठंडी होती हैं।
पारादीप तक कैसे पहुंचें
यह मायने नहीं रखता की आप भुवनेश्वर एयर पोर्ट पर या कटक रेलवे स्टेशन पर उतरते हैं, आप बस द्वारा पारादीप में प्रवेश कर सकते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग -5A पारादीप को उड़ीसा के सभी बड़े शहरों से जोड़ता है। वास्तविकता यह है कि पारादीप रेल सेवा द्वारा जुड़ा हुआ है पर सभी यात्री भुवनेश्वर या कटक से होकर ही यहाँ आना पसंद करते हैं। नवम्बर से मार्च का समय यहाँ के भ्रमण के लिए सबसे बेहतर माना जाता है।