पारादीप का जगन्नाथ मंदिर धर्मनिरपेक्ष भारत के उत्कृष्ट उदाहरणों में से एक है जो विभिन्नता में एकता का प्रदर्शन करता है। प्रवेश द्वार पर 60 फुट उंचा एक स्तंभ जिसे अरुणा स्तम्भ के नाम से जाना जाता है, इसके शीर्ष पर कंक्रीट का एक ठोस मेहराब इसे खूबसूरती प्रदान करता है।
इस पर हिन्दु, मुस्लिम, ईसाई और सिख धर्म के पवित्र प्रतीक चिन्ह उकेरे गए हैं, जो इस बात की गवाही देते हैं कि इस जगह ने किसी भी तरह के सांप्रदायिक मतभेदों को कभी नहीं देखा है। दूसरी जगहों के विपरीत, गैर हिन्दू भी यहाँ की वार्षिक रथ यात्रा अथवा रथ महोत्सव के दौरान रथ को खींचने में हाथ लगाते हैं।
पोर्ट क्षेत्र में आने वाले पर्यटक अपनी यात्रा के दौरान इस जगन्नाथ मंदिर में निश्चित रूप से आते हैं, जो शायद पूरे राज्य का एकलौता भगवान जगन्नाथ जी का मंदिर है। यह सभी व्यतियों के लिए बिना किसी अवरोध के खुला रहता है। जब आप इस मंदिर के दर्शन करने जाएँ तो यहाँ का प्रसाद ‘अभादा’ जरूर चखें जो मंदिर की रसोई में ही बनाया जाता है।