लाइट हाउस का दौरा शाम को किया जा सकता है, यह 40 मीटर आरसीसी का एक शानदार वृत्ताकार टावर है। 1960 के दशक में, पारादीप में इस बड़े पोर्ट की स्थापना के बाद एक लाईट हाउस की आवश्यकाता महसूस हुई जिसके तहत 1987 में इस लाईट हाउस को स्थापित किया गया। स्थापना के एक साल बाद नई दिल्ली की मेसर्स एशिया नेवीगेशन एड्स ने इस लाईट हाउस के लिए तीन पैनल वाले पीआरबी -21 उपकरण की आपूर्ति की थी।
1992 में, एम / एस मरीन और कम्यूनिकेशन इलेक्ट्रॉनिक्स (एमएसीई) द्वारा तकनीकी रूप से उन्नत एक उपकरण, रेडियो बीकन की आपूर्ति की गयी और प्रसारण शुरू किया गया। वास्तव में यह पास के फॉल्स पॉइंट लाईट हाउस के रेडियो बीकन के लिए बदला गया था जिसे बाद में संभारतंत्रीय (रसद संबंधी) मुद्दों के कारण बंद करना पड़ा था।
आज, पारादीप लाइट हाउस, फॉल्स प्वाइंट लाइट हाउस के लिए रसद सहायता प्रदान करता है। यदि आप कभी इस लाइट हाउस पर जाएँ तो पारादीप समुद्र तट और पारादीप पोर्ट की यात्रा करना न भूलें, जो यहाँ से इतने पास है की यहाँ से वहाँ तक एक पत्थर फेंका जा सकता है।