शेरशाह सूरी मस्जिद को शेरशाही भी कहा जाता है। यह मस्जिद वास्तुकला की अफ़गान शैली का एक उम्दा उदाहरण है। 1540-1545 में इसे शेरशाह सूरी ने अपनी श्रेष्ठता के उपलक्ष्य में बनवाया था।
इस मस्जिद के परिसर के अंदर एक कब्र मौजूद है जिसे एक अष्टकोणीय पत्थर की स्लैब से सहारा दिया गया है। शेरशाह सूरी मस्जिद का मुख्य आकर्षण उसका केंद्रीय गुंबद है जो चार छोटे गुंबदों से घिरा हुआ है। इन गुंबदों की विशिष्टता इस बात में निहित है कि किसी भी कोण या दिशा से देखने पर केवल तीन गुंबद ही दिखाई देते हैं।
यह पटना में घईघाट मोहल्ला में स्थित एक ऐतिहासिक सिख तीर्थ है। यह तख़्त श्री हरमंदिर साहिब से 4कि.मी. दूर है। गुरुद्वारा पहिला बारा इस क्षेत्र में सबसे पुराना गुरुद्वारा है। 1980 के दौरान एक नई इमारत का निर्माण किया गया जिसके बीच में गर्भगृह के साथ एक विशाल वर्गाकार हॉल है।