पावागढ़ चंपानेर के निकट स्थित एक पहाड़ी है और एक ऐसी पहाड़ी है जिस पर प्रसिद्ध महाकाली मंदिर स्थित है।
पावागढ़ और उसके आसपास के पर्यटक स्थल
महाकाली मंदिर को मजबूत किया गया है और यह चंपानेर पर महमूद बेगदा के कब्जे से पहले मौजूद था। जिसने इस शहर को मजबूत और प्रसिद्ध बनाया। चंपानेर के पतन के बाद भी मंदिर उसी तरह मौजूद है। पूर्व काल में भी लोग इस पावन मंदिर के दर्शन करने आते थें और आज भी उसी तरह आते हैं।
इस मंदिर तक चट्टानी पथ की पद यात्रा द्वारा या रज्जुमार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है। यहां गर्भगृह में स्थित माता कालिका की मूर्ति केवल एक लाल रंग का चेहरा है ना की पूरा शरीर। इस मंदिर में माता की पूरी मूर्ति और बहूचारा के यन्त्र भी मौजूद हैं। यह मंदिर लंबे समय के लिए खुला रहता है ताकि दिन के अलग-अलग समय पर आने वाले तीर्थयात्री देवी के दर्शन कर पाएं।
पावागढ़ में एक किला है जिसे सोलंकी राजपूतों नें बनाया था। पावागढ़ किले की दीवारों के कुछ हिस्से आज भी मौजूद हैं। इस किले में 10-11 वीं सदी में बना एक हिंदू मंदिर भी है। यह अब तक पाए गए सबसे प्राचीन हिंदू मंदिरों मे से है। इस किले में 13-15 वीं सदी के दौरान नागर शैली में बने कुछ हिंदू और जैन मंदिर हैं।
कैसे पहुंचें पावागढ़
यह शहर रेल और सड़क मार्ग द्वारा भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। राजकोट हवाई अड्ड़ा सबसे नजदीकी हवाई अड्ड़ा है।
पावागढ़ का वातावरण
गर्मियों में पावागढ़ में बहुत गर्मी होती है। इसलिए सर्दियों में इस सुंदर स्थान को देखने का निर्णय सही होगा।