बालागढ़ के रूप में जाना जाने वाला पोखरण किला 14 वीं सदी में निर्मित एक प्राचीन किला है।यह स्मारक थार रेगिस्तान में स्थित है। यह एक प्राचीन ऐतिहासिक व्यापार मार्ग पर स्थित है जहां से मसाले, नमक, और रेशम का फारस और अन्य देशों को निर्यात किया जाता था। यह राठौड़ वंश के चम्पावत शासकों का किला है। किले का गौरवशाली अतीत और इतिहास भारत तथा विदेश के विभिन्न भागों से पर्यटकों को बड़ी संख्या में आकर्षित करता हैं।
यात्री यहां सुंदर लाल बलुआ पत्थर का महल, पारंपरिक झरोखे तथा भव्य टावरों को देख सकते हैं। वर्तमान में, ठाकुर नागेन्द्र सिंह पोखरन व उनकी पत्नी ठकुरानी यशवंत कुमारी पोखरन ने खुशी से आगंतुकों के लिए किले के द्वार खोल रखे हैं।यह किला मुगल और वास्तुकला के राजपूत शैली का एक शानदार उदाहरण है।
किले में हथियार, कपड़े, चित्र, और हस्तशिल्प के शाही संग्रह को प्रदर्शित करता एक संग्रहालय है। इसके अलावा, यहाँ एक शानदार पुस्तकालय है जिसमें महान राव बहादुर राजश्री, ठाकुर चैन सिंह जी पोकरन से सम्बद्ध पुस्तकों का अच्छा संग्रह है।