केरल के मलप्पुरम जिले में स्थित पोनानी एक छोटा लेकिन सुन्दर कस्बा है। पश्चिम में अरब सागर से घिरा यह कस्बा मालाबार का मुख्य तटीय क्षेत्र व मछली पकड़ने का प्रमुख केन्द्र है। यह समुद्र तट विस्तार तथा कई मस्जिदों के लिए प्रसिद्ध है। इस कस्बे का दक्षिण भारत के सबसे पुराने बंदरगाहों में से एक मालाबार के व्यापार एवं अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है।
पोनानी ‘दक्षिण भारत के मक्का 'के रूप में जाना जाता है क्योंकि सदियों से यह इस्लामी शिक्षा का प्रमुख केंद्र रहा है। यह ज्वारीय स्थल केरल की दूसरी सबसे लंबी नदी ‘भरतपुजा’ के किनारे पर स्थित है। कस्बे में हिंदुओं और मुसलमानों की घनी आबादी है जिसमें यहां की सांस्कृतिक और धार्मिक सह-अस्तित्व की मिसाल दिखाई पड़ती है।
अद्वितीय इतिहास एवं खास विरासतों की भूमि
पोनानी का इतिहास सदियों पुराना है। पोनानी की जुमा मस्जिद का उल्लेख औपनिवेशिक इतिहासकार विलियम लोगान के मालाबार मैनुअल में मिलता है। यह कस्बा कभी मालाबार की दूसरी राजधानी था तथा समूथिरि शासकों के शक्ति स्थल के रूप में प्रयुक्त होता था। भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में भी इसका उल्लेखनीय स्थान है क्योंकि यह छोटा कस्बा कई स्वतंत्रता सेनानियों की भूमि रहा है।
इस दक्षिणी बंदरगाह के प्रमुख आकर्षणों में पोनानी जुमा मस्जिद, पोनानी प्रकाशस्तंभ, मछली पकड़ने के बंदरगाह और सरस्वती हिंदू मंदिर शामिल हैं। पोनानी में एक ज्वारीय मुहाना है जहां भरतपुजा तथा तिरुर नदियों का संगम होता है फिर वे अरब सागर में मिलती हैं। बियम कयल की झील बियम पोनानी में एक अन्य प्रमुख पर्यटक आकर्षण है।
पोनानी की जलवायु उष्णकटिबंधीय है तथा इसका सड़क और रेल मार्ग सम्पर्क अच्छा है। एक सांस्कृतिक केंद्र, ऐतिहासिक स्थान और तटीय कस्बा के रूप में, यह छोटा और सुंदर स्थल यात्रियों को निश्चित रूप से असीम आनंद प्रदान करता है।