सिलप्पथिकार आर्ट गैलरी एक 7 मंजि़ला इमारत है और अपनी विशिष्ट डिज़ाइन के लिए विख्यात है। यह तमिल महाकाव्य सिलप्पथिकार से संबंधित कलाकृति के संरक्षण को समर्पित है। इस महाकाव्य में तटीय शहर पूम्पुहर का उल्लेख किया गया है। इस गैलरी की पहली मंजि़ल 12 फीट ऊँची है जबकि बाकी सभी मंजि़लों की ऊँचाई 5 फीट है। इस गैलरी में कई कलासम हैं जिनकी ऊँचाई 8 फीट तक हैं।
इस संरचना की कुल ऊँचाई 50 फीट है। इस गैलरी की दीवारों को सजाने वाली मूर्तियों का निर्माण मामल्लपुरम आर्ट कालेज के मूर्तिकारों द्वारा किया गया था। इस संरचना की वास्तुकला महाकाव्य में बताई गई कहानी से अत्यधिक प्रेरित है।
इस इमारत के परिसर में एक पायल के आकार का टैंक है जिसके दोनों ओर कान्नगी और मादवी की मूर्तियाँ स्थापित हैं। गैलरी का प्रवेशद्वार 22 फीट ऊँची मगर थोरनवयिल से सुसज्जित है। यह पूम्पुहर का महत्वपूर्ण पर्यटन आकर्षण है और सालभर अनेक पर्यटक यहाँ आते हैं।