जम्मू-कश्मीर राज्य में स्थित पुंछ, एक छोटा सा जिला है जिसे स्थानीय लोगों द्वारा मिनी कश्मीर कहा जाता है। यहां का प्राकृतिक सौदंर्य देखकर पर्यटकों का मन खुश हो जाता है। पुंछ को ऐतिहासिक महत्व के कारण जाना जाता है, यहां कई स्थानीय और विदेशी शासकों द्वारा समय-समय पर शासन किया गया था। तीन तरफ, एएलसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा ) से घिरा हुआ क्षेत्र सबसे पहले 6 वीं सदी में विश्वस्तर पर सामने आया जब प्रसिद्ध चीनी यात्री हियून त्सांग यहां से गुजरें और उन्होने इसकी सुंदरता का वर्णन किया। 850 ई. के दौरान पुंछ में एक घोड़ा व्यापारी श्री नर ने स्वंय को राजा घोषित कर दिया और शासन करने लगा। बाद में 1596 ई. में सिराज-उद-दीन और 1798 ई. में रूह-अल्लाह-संगु ने सत्ता की डोर संभाली।
क्या है पुंछ के आस - पास
पुंछ में कई ऐतिहासिक स्मारक, खूबसूरत झरने, घाटियां और चोटियां हैं। पुंछ का किला यहां का प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल है, जो जिले में ही स्थित है। इस किले को 1713 ई. में पुंछ के राजा रूस्तम सिंह ने बनवाया था। इस किले को मुगल शैली में बनवाया गया है।
नुरी चैंव यहां का अन्य दर्शनीय स्थल है जो पुंछ से 45 किमी. कर दूरी पर स्थित है। कहा जाता है कि इस प्राकृतिक स्थल से मुगल राजा जहांगीर इतना ज्यादा प्रसन्न थे कि उन्होने इसका नाम अपनी बेगम नूरजहां के नाम पर ही रख दिया। यहां एक सुंदर झरना भी है, जिसमें रानी स्नान किया करती थीं।
विश्वास का तीर्थ
पुंछ में सिखों का पवित्र धार्मिक स्थल गुरूद्वारा नागली साहिब है, जो शहर से 7 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस गुरूद्वारे को ठाकुर भाई मेला सिंह ने 1803 में बनवाया था। सन् 1947 में यह गुरूद्वारा जल गया था जिसे बाद में महंत बैचीतार सिंह ने दुबारा बनवाया था। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आते है और मत्था टेकते है। इस गुरूद्वारे में बैसाखी त्यौहार को मनाने दूर-देश के लोग भी आते है।
स्वामी बुद्ध अमरनाथ जी मंदिर पुंछ का अन्य धार्मिक स्थल है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर पुंछ से 25 किमी. की दूरी पर बना हुआ है। मंदिर का निर्माण पीर पंचल पर्वत के बीच किया गया है। मंदिर में चारों दिशाओं में एक-एक दरवाजा है जो हिंदूओं के अलग-अलग वर्ण के लिए बना हुआ है।
जिले में अन्य धार्मिक स्थल भी है जैसे - श्री दशनामी अखाड़ा मंदिर, राम मंदिर, जियारत छोटे शाह साहिब, जियारत सैन ईल्लाह बख्श साहिब और जियारत सैन मिरन साहिब।
सात झीलों की घाटी
पुंछ में गिरगान ढोक एक प्राकृतिक स्थल है, जो सात झीलों की घाटी के नाम से प्रसिद्ध है। इस घाटी में सात झीलें हैं, जो निम्म प्रकार हैं- गुमसागर, काल्दाचिनिसार, नंदनसार, भागसार, कोटारसार और सुखसार। नंदनसार झील सभी झीलों में सबसे बड़ी है जो 1 मील की दूरी तक फैली हुई है और आधा मील चौड़ी है। पुंछ में बहराम्गला, नंदी शुल, सुरानकोटे, मंडी, देहरा गली और लोगान भी पर्यटक भ्रमण करने जा सकते हैं।
कैसे जाएं पुंछ
पुंछ आने के लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट, जम्मू का हवाई अड्डा है जो 250 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस हवाई अड्डे से गोआ, मुम्बई, श्रीनगर, दिल्ली, जयपुर, चंडीगढ़ और लेह के लिए उड़ाने भरी जाती है। विदेशों से आने वाले पर्यटक दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरें और वहां से रेल या प्लेन से जम्मू तक आएं। जम्मू से पुंछ के लिए कई बसें प्रतिदिन चलती है। जो सस्ती और सुविधाजनक होती है।पुंछ का नजदीकी रेलवे स्टेशन जम्मू तवी रेलवे स्टेशन है। यहां उतर कर यात्री बस से पुंछ तक का सफर तय करें।
पुंछ का मौसम
पुंछ का मौसम साल भर तापमान के उतार- चढ़ाव से जुझता है। यहां पर्यटक साल के किसी भी महीने में आ सकते है लेकिन मौसम के अनुसार, कपडों को लाने की आवश्यकता है। अक्टूबर से नबंवर तक यहां घूमने का आर्दश समय है।कई राज्यों और शहरों से आने जाने की अच्छी सुविधा होने के कारण प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक यहां की सैर पर आते हैं।