इस कस्बे का भगवान पदम् प्रभु से गहरा रिश्ता है जो कि छठे जैन तीर्थकर थे। यह मंदिर भगवान पदम् प्रभु को समर्पित है और यहाँ पर पद्मासन में बैठे तीर्थंकर की एक सुंदर मूर्ति भी है। यह पद्मासन ध्यान का प्रतीक है। यह मंदिर 85 फीट ऊँचे दूधिया सफ़ेद मार्बल वाले शिखर को और 11 कलात्मक वेदियों को अपने में समेटे हुए है।
फिर भी, यहाँ का मुख्य आकर्षण 1008 भगवान पदम् प्रभु की असमान छूती प्रतिमा है। यह मंदिर एक द्रढ़ आध्यात्मिकता को दर्शाता है और पर्यटक यहाँ पर गहरी शांति का अनुभव करते हैं। यदि आप पदम् प्रभु मंदिर की यात्रा कर रहें हैं तो आप पास ही काड़ा में शीतला माता मंदिर और मंझनपुर में कामासिन माता मंदिर की यात्रा भी कर सकते हैं।