पिप्ली भुवनेश्वर के पास स्थित एक छोटा सा गांव है। यह गांव मुख्य रूप से अपने हस्तशिल्प कला के लिए प्रसिद्ध है। पिप्ली में हैंडबैग, छाते, जूते, कपड़े, दीवारों पर टंगी जाने वाली चीजें, तकियों के कवर, कुशन कवर, चादरें आदि विभिन्न वस्तुओं पर चमकदार और सुंदर पिप्ली शिल्प बनाए जाते हैं।
जैसे ही आप पिप्ली में प्रवेश करते हैं, उज्जवल छतरियां एक ऐसी वस्तु है जो हर एक की काल्पनिकता को छूती है। हस्तकला का यह रूप लंबे समय से ग्रामीणों का पसंदीदा व्यवसाय रहा है। ओड़िशा के राजा भी इस खूबसूरत कला के रूप को सराहते तथा प्रोत्साहित करते थें।
शिल्पकार फूलों, पक्षियों, जानवरों, पेड़, सूर्य, आदि के आधार पर सुंदर आकृतियों का चयन करते हैं और इन्हें कपड़े पर उतार कर अनोखे डिजाइनों को तैयार करते हैं। फिर इस ड़िजाइनों पर छोड़े शीशे को लगाकर इन्हें और आकर्षक बनाया जाता है। इस गांव में आने वाले पर्यटक अक्सर अपने प्रियजनों के लिए स्मृति चिन्ह और उपहार ले जाना पसंद करते हैं या इन रंगीन वस्तुओं को भुवनेश्वर में बिताए दिनों की निशानी के रुप में रखते हैं।