रल्लाबंदी सुब्बाराव म्यूजियम की स्थापना 1967 में की गई थी। यहां राजामुंद्री के इतिहास के विभिन्न युग की शिल्पकृतियां देखी जा सकती है। यह शहर के आरंभिक सांस्कृतिक अवस्था से जुड़ी शिल्पकृति के संकलन के लिए प्रसिद्ध है। यहां आप टेराकोटा की मूर्तिका, प्रचीन समय के मिट्टी के बरतन और महान राजा द्वारा जारी किए सिक्कों के अलावा भी बहुत कुछ देख सकते हैं।
साथ ही यहां ताड़ के पत्ती पर लिखी कुछ पांडुलिपि भी देखे जा सकते हैं। इस म्यूजियम का मूल उद्देश्य आंध्र प्रदेश की संस्कृति को शिल्पकृति के संरक्षण और प्रदर्शनी द्वारा सामने लाना था। यह म्यूजियम सुबह 10.30 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है और इसके लिए नाममात्र का प्रवेश शुल्क अदा करना पड़ता है।