रामेश्वरम में पंच - मुखी हनुमान मंदिर एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। यह श्री रामनाथस्वामी मंदिर के बाद दूसरा सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में भगवान राम, माता सीता और भक्त हनुमान की मूर्ति स्थित है। इस सभी मूर्तियों को धनुषकोडी से लाया गया था, 1964 के दौरान ये सभी मूर्तियां धनुषकोडी गांव में आएं साइक्लोन में नष्ट हो गई थी। दिलचस्प बात यह है कि लोगों का मानना है इन मूर्तियों में आत्मा वास करती है। यही कारण है कि पूरे देश से भक्त यहां दर्शन करने आते है।
इस मंदिर की अन्य विशेषता यह है कि इस मंदिर के बाहर एक तैरता हुआ पत्थर भी रखा है। यह पत्थर रामसेतू पुल का हिस्सा माना जाता है जिसे हनुमान जी और उनकी वानर सेना के द्वारा बनाया गया था। इस पुल की सहायता से ही भगवान राम लंका तक पहुंचे थे और माता सीता को रावण की कैद से छुड़ा पाएं थे।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस मंदिर में हनुमान जी ने अपने पंच मुख के दर्शन करवाएं थे। हनुमान जी को इस मंदिर में भगवान राम के द्वारा सिंदुर से लेप भी लगाया गया था।