रेडी गणपति रेडी गांव की लोकप्रियता का एकमात्र कारण है। प्रसिद्ध गणेश मंदिर के पीछे की कहानी न केवल आकर्षक बल्कि चौंकाने वाली भी है। ऐसा कहा जाता है कि 18 अप्रैल, 1976 को, एक ट्रक चालक जो सदानंद नागेश काँम्बली के नाम से जाना जाता था, रेडी में खड़े अपने ट्रक में सोते हुये भगवान गणेश का सपना देखा।
अपनी दिव्य उपस्थिति के साथ उससे उस जगह पर उन्हे पाने के लिये खुदाई करने के लिए कहा। चूंकि ड्राइवर का भगवान गणेश में बहुत विश्वास था, इसलिये वह आश्वस्त था और स्थानीय कार्यकर्ताओं की एक टीम को इकट्ठा कर समुद्र तट से मूर्ति को खोद कर बाहर निकाला।
एक जांच के बाद पता चला कि मूर्ति पांडवों के शासन के दौरान बनी थी। कुछ दिन बाद, भगवान गणेश का वाहन 'चूहा' भी पास के क्षेत्र से खुदाई में मिला था। देवता ऊंचाई में 6 फीट और चौड़ाई में 4 फुट है और बहुत प्यारे दिखते हैं।
इसके चारों तरफ बना मंदिर बहुत सुंदर है और प्रत्येक वर्ष गणेश चतुर्थी और संकठा चतुर्थी के अवसरों पर भक्तों की भारी भीड़ देखी जा सकती है।