लक्षमण मन्दिर, हिन्दू देवता राम के छोटे भाई लक्षमण को समर्पित ऋषिकेश का एक प्राचीन मन्दिर है। ऋषिकेश से 5 किमी की दूरी पर यह मन्दिर गंगा नदी के दाहिने तट पर स्थित है। मन्दिर की दीवारों पर कुछ चित्रकारी की गई है जो प्रसिद्ध प्रसंगों को दर्शाती हैं।
लोककथाओं को अनुसार लक्षमण ने यहाँ पर आध्यात्मिक ज्ञान के लिये तपस्या की थी। ऐसा माना जाता है कि हिमालय की ओर जाते हुये भगवान राम और लक्षमण ने गंगा नदी को पार करने के लिये रस्सी का पुल बनाया था। इस पुल को वर्तमान में लोकप्रिय रूप से लक्षमण झूला के नाम से जाना जाता है।
ऋषिकुण्ड इस मन्दिर का प्रमुख आकर्षण है। किंवदन्ती के अनुसार राक्षसों के राजा रावण का वध करने के उपरान्त राम और लक्षमण ने अपने पापों से मुक्ति के लिये यहाँ पर स्नान किया था।