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रुद्रनाथ - धर्म के मार्ग का गेटवे

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रुद्रनाथ उत्तराखंड के चमोली जिले का एक जाना माना गाँव है। यह स्थान समुद्र तल से 2286 मीटर की ऊंचाई पर है और बर्फ से ढकी हुई हिमालय की घंटियों का अद्भुत द्रश्य प्रदान करता है। रुद्रनाथ शब्द का मतलब होता है वह व्यक्ति जिसे गुस्सा आता है। यह गाँव अपने रुद्रनाथ मंदिर के कारन जाना जाता है जो कि पंच केदार तीर्थयात्रा में तीसरे नंबर पर आता है। इस सर्किल के चार अन्य मन्दिर केदारनाथ मंदिर, तुंगनाथ मंदिर, मध्यमहेश्वर मंदिर, और कल्पेश्वर मंदिर आदि हैं।

रुद्रनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है जिनकी यहाँ पर नीलकंठ महादेव के रूप में पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर पांडवों के द्वारा बनाया गया था। कहानी के अनुसार पांडव भगवान् शिव से क्षमा चाहते थे क्यूँ कि वे महाभारत के युद्ध में कोरवों को मारने के दोषी थे, पर भगवान् शिव उनसे मिलना नहीं चाहते थे इसलिए उन्होंने अपने आप को नंदी बैल के रूप में बदल लिया और गडवाल क्षेत्र में कहीं छिप गए। इसके तुरंत बाद भगवान शिव का शरीर चार अलग अलग भागों में विभाजित हो गया। जहाँ भगवान शिव का सिर पाया गया वहां पर रुद्रनाथ मंदिर बना है। यह स्थान कई पानी के कुंडों से घिरा हुआ है जिनमे सूर्य कुंड, चन्द्र कुंड, तारा कुंड, मानकुंड आदि मुख्य हैं। हाथी पर्वत, नंदा देवी, नंदा घुंटी, और त्रिशूल आदि कई सुंदर चोटियों को इस पवित्र स्थान से देखा जा सकता है।

क्या है रुद्रनाथ के आस पास

यात्री इस मंदिर तक सागर गाँव और जोशीमठ द्वारा ट्रैक मार्ग द्वारा पहुँच सकते हैं। रास्ते में कई सुंदर घास के मैदान देखे जा सकते हैं। जिनमे से एक पनार बुगियल है जो कि सुंदर वन्य फूलों से सजा - सवरा हुआ है। इस घास के मैदान के पास एक झरना और मंदिर स्थित है। रुद्रनाथ ट्रेकिंग मार्ग का सबसे ऊँचा पॉइंट पित्रधर है जो कि समुद्र तल से 4000 मीटर की ऊंचाई पर है। एकाग्रता और शांति इस स्थान की सुन्दरता को बढ़ाते हैं।

इस स्थान का दूसरा आकर्षण नंदी कुंड है जो कि एक मनोहारी झील है और बर्फ से ढंकी चोटियों से घिरी हुई है। पोराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव की सवारी नंदी बैल इसी झील में पानी पिया करते थे। यात्री झील में चौखम्बा चोटी का प्रतिबिम्ब भी देख सकते हैं।

कैसे जाएं रुद्रनाथ

रुद्रनाथ जाने वाले पर्यटक यहाँ एयर, रेल और रोड द्वारा पहुँच सकते हैं। देहरादून स्थित जॉली ग्रांट हवाई अड्डा यहाँ का निकटतम एयरबेस है। गोपेश्वर से एक ट्रेकिंग मार्ग भी रुद्रनाथ को जाता है। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन यहाँ का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। रुद्रनाथ के लिए बसें ऋषिकेश, देहरादून, कोटद्वार और हरिद्वार से आसानी से उपलब्ध हैं।

रुद्रनाथ जाने का सबसे अच्छा समय

आराम और सुहावने मौसम के कारण अप्रेल से नवम्बर का समय इस स्थान कि यात्रा के सबसे उत्तम समय है।

रुद्रनाथ इसलिए है प्रसिद्ध

रुद्रनाथ मौसम

घूमने का सही मौसम रुद्रनाथ

  • Jan
  • Feb
  • Mar
  • Apr
  • May
  • Jun
  • July
  • Aug
  • Sep
  • Oct
  • Nov
  • Dec

कैसे पहुंचें रुद्रनाथ

  • सड़क मार्ग
    गोपेश्वर के लिए राज्य परिवहन की बसें आसानी से ऋषिकेश, देहरादून, कोटद्वार, और हरिद्वार से उपलब्ध हैं। गोपेश्वर से, रुद्रनाथ पैदल जाया जा सकता है।
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  • ट्रेन द्वारा
    रुद्रनाथ के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है, जो 215 किमी दूर है। यह रेलवे स्टेशन नियमित गाड़ियों द्वारा प्रमुख भारतीय शहरों से जुड़ा हुआ है। पर्यटकों को रेलवे स्टेशन से भी टैक्सियाँ गोपेश्वर के लिए उपलब्ध हैं।
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  • एयर द्वारा
    जॉली ग्रांट हवाई अड्डा देहरादून यहाँ का निकटतम एयर बेस है, जो कि रुद्रनाथ से 230 किमी है। नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से यहाँ के लिए नियमित उड़ाने हैं। जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से टैक्सियाँ गोपेश्वर के लिए उपलब्ध हैं, जो कि यहाँ से लगभग 23 किमी दूर है।
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