कोटखाई बेल्ट के बीच बसा रुखाला, हिमाचल प्रदेश का एक ऐसा पर्यटन स्थल है जो प्रख्याति की तरफ तेज़ी से बढ़ रहा है। यह जगह अपनी मनोहर सुन्दरता, लज़ीज़ सेब और अतिथि सत्कार के लिए जाना जाता है। इस जगह के अन्य आकर्षण हैं वह गाँव जो अब धरोहर के रूप में बदल दिए गए हैं।
दिसम्बर और जनवरी के समय, सेब और बेर के बगीचे, गुलाबी और हरे फल से लद जाते हैं, तब फार्महाउस से घिरे इस ग्रामीण इलाके में रंगों का विस्फोट होता है। रुखाला, दुनिया भर में रोयल, गोल्डेन और ग्रेनी स्मिथ सेबों के उत्पादन और निर्यात के लिए मशहूर है।
हरे बगीचों के अलावा, रुखाला में कई और पर्यटन स्थल हैं। इनमें से किआरी मंदिर और दीओरी मंदिर का नाम लेना मुनासिब होगा। ट्रेक्किंग करते हुए हरे भरे जंगल और ग्रामीण फार्महाउस से होते हुए इन मंदिरों तक पहुंचा जा सकता है। किआरी मंदिर, 300 साल पुराना स्मारक है जो रचनात्मक स्त्री शक्ति की अवतार हिन्दू देवी दुर्गा को समर्पित है।
पर्यटक रुखाला से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चंबी-कुप्पर क्षेत्र में भी घूम सकते हैं।
आवागमन के लिए रुखाला वायुमार्ग, रेलमार्ग और रोडमार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा है। गर्मी, मानसून और ठण्ड ऐसे मौसम हैं जिनका अनुभव रुखाला में किया जा सकता है। यहाँ आने वाले पर्यटकों को गर्मी के मौसम में आने की सलाह दी जाती है जो मई के महीने में शुरू होकर जुलाई तक चलती है। हालाँकि, ठण्ड के मौसम में भी यहाँ आया जा सकता है क्योंकि मौसम सुखद रहता है।