वावर तीर्थ, सबरीमला का एक अन्य मुख्य आकर्षण है जहाँ आप दो अलग अलग धर्मों के संगम को देख सकते हैं। यह पवित्र स्थल वावरू स्वामी को समर्पित है जो एक मुस्लिम संत थे। वावर तीर्थ मुख्य मंदिर से लगा हुआ है। वावर स्वामी एवं अयप्पा से उनके संबंध की कई किवदंतियां प्रचलित हैं।
दिलचस्प बात यह है कि वावरू स्वामी ने भगवान् अयप्पा के विरूद्ध लड़ाई की पर वे हार गए और तब से वे प्रभु के एक कट्टर अनुयायी बन गए। एक नक्काशीदार पत्थर वावरू स्वामी का प्रतीक है एवं इस पवित्र स्थल के अंदर एक पुरानी तलवार रखी गई है।
इन्हें मुख्य रूप से काली मिर्च चढाई जाते है और रस्में मुस्लिम पुजारियों द्वारा संचालित की जाती हैं। जो भक्त अयप्पा मंदिर की यात्रा करते हैं वे इस मंदिर में आकर अपनी श्रद्धांजलि देते हैं। वावर तीर्थ में दो भिन्न धर्मों एवं विश्वासों का संगम देखने को मिलता है और इस कारण सबरीमला धार्मिक और सांप्रदायिक समझौते के लिए एक आदर्श जगह है।