संबलपुर से 24 किलोमीटर दक्षिण में हातीबारी स्थित है, मुख्य मार्ग से अलग हटकर है। हातीबारी पद्मश्री डॉ. इसाक सैंट्रा द्वारा स्थापित एक कुष्ठ घर के लिये प्रसिद्ध है। डॉ. इसाक सैंट्रा एक विनम्र व्यक्ति थे, हर जगह प्रसिद्ध भी।
1892 में जन्मे डॉ. इसाक सैंट्रा संबलपुर के एक निवासी थे। एक ईसाई परिवार में जन्मे डा. इसाक परिवार के कहने पर एक मिशनरी में शामिल हुए जो बालंगीर में थी। उसकी पहल अलग रास्ते पर जाने की थी। कटक से एक चिकित्सक के रूप में डिग्री प्राप्त करने के बाद, डॉ. इसाक सैंट्रा ने अपना बाकी का जीवन कुष्ठ रोग उन्मूलन के लिए समर्पित कर दिया।
उस समय कुष्ठ रोग वह बीमारी थी, जिसमें मरीज को समाज से बाहर फेंक दिया जाता था। इसी लिये शायद हातीबारी में कुष्ठ घर की स्थापना के लिये चुना गया। गांव घने जंगलों से घिरा हुआ है। हातीबारी आज आज भी प्रकृति के घटा से घिरा एक शांत गांव है।