द्रोह आश्रम अपने पुरातत्वीय महत्व के कारण भारी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है और यह परसागढ़ के उत्तर में स्थित है। द्रोह आश्रम मुख्यतः भगवान डण्डेश्वर के ऐतिहासिक मन्दिर के कारण लोकप्रिय है जो गण्डकी नदी के किनारे स्थित है। मन्दिर की मुख्य...
सिल्हौरी सारन क्षेत्र के साथ-साथ एक बहुत ही पवित्र स्थान है। हर साल यहाँ एक विशाल मेले का आयोजन होता है जिसका भक्तगण भारी संख्या में आनन्द लेते हैं। मेले का आयोजन शिवरात्रि के पावन अवसर पर किया जाता है।
गौतम स्थान गोतम ऋषि का आश्रम है जो छपरा से 5 किमी दूर है। हिन्दू मान्यता के अनुसार गौतम ऋषि की पत्नी को उनके पति ने शाप देकर पत्थर में बदल दिया था।
आमी धिगवाड़ा के पश्चिम से 4 किमी की दूरी पर तथा छपरा से 37 किमी दूर स्थित है। आमी में गहरे और चौड़े कुँयें के साथ एक बगीचा स्थित है जोकि प्राचीन अम्बा स्थान मन्दिर के पास है। बगीचे की विशिष्टता यह है कि यह कभी नहीं सूखता है। आमी अपने दुर्गा मन्दिरों के लिये भी...
सोनपुर को सुबरनपुर के नाम से भी जाना जाता है और यह बिहार के लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में से एक है। यह सामान्यतः यहाँ पर नवम्बर के महीने में कार्तिक पूर्णिमा के दिन से एक पखवाड़े के लिये आयोजित होने वाले पशुमेले या मालेगाँव मेले की वजह से काफी लोकप्रिय है। इसके अलावा...
चिराण्ड घाघरा नदी के उत्तरी तट पर स्थित है। इस स्थान की मौजूदगी इतिहास के पन्नों में साफ देखने को मिलती है और यह बिहार के आधुनिक शहरों में से एक है।