जम्मू कश्मीर राज्य में स्थित सरचु को सर भूम चुन के नाम से भी जाना जाता है जो हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के बीच की सीमा पर स्थित है। सरचु, बारालच्चाला के दक्षिणी और लाचुलुंग के उत्तरी सिरे पर बसा हुआ है जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई 4290 मीटर है।
मनाली से लेह या लेह से मनाली यात्रा करने वाले पर्यटक सरचु में ठहरतें है और एक रात विश्राम करते है यहां से दोनों ही जगह की दूरी 475 किमी. है जो समान है। सर्दियों के दौरान यह मार्ग बंद रहता है और इससे यात्री नहीं गुजर सकते है। मई से सितम्बर के दौरान यह रूट खुला रहता है, क्योकि इस समय अवधि में बर्फ पिघल जाती है। इस दौरान पर्यटक लेह और मनाली आते-जाते समय सरचु में ठहरते हैं। यहां सारप नदी बहती है जो भारतीय सेना के लिए आधार है। इस नदी के आसपास के क्षेत्र में भारतीय छावनी बनी हुई है। सरचु हर मौसम में नहीं आया जा सकता।
कब जाएं सरचु
गर्मियों के दौरान सरचु का हर मार्ग खुला रहता है जिससे पर्यटकों को आने में आसानी रहती है। इस टाइम यहां आकर पर्यटक ठहर सकते है साथ ही साथ यहां मिलने वाले भोजन का आनंद भी उठा सकते हैं। सर्दियों के दौरान यहां का तापमान -35 डिग्री सेल्सियस तक हो जाता है, इसलिए इन महीनों में यहां आने की भूल न करें। वैसे भी सर्दियों में पूरा सरचु बंद रहता है।
सरचु पहुंचना
सरचु जाने के लिए पर्यटकों को कई साधनों से लेह के रास्ते से आना होगा। सरचु की लेह से दूरी 255 किमी. है। हवाई यात्रा करने वाले यात्री लेह एयरपोर्ट पर उतरें और वहां से अन्य साधन से सरचु पहुंचे। लेह एयरपोर्ट से दिल्ली, मुम्बई, चंडीगढ़, त्रिवेंद्रम, गोआ और बंगलौर के लिए उड़ान भरी जाती है।
एयरपोर्ट से यात्री टैक्सी या कैब हायर करके सरचु जा सकते है। ट्रेन से आने वाले पर्यटक जम्मू रेलवे स्टेशन पर उतरें जो सरचु से 550 किमी. की दूरी पर स्थित है। रेल से यात्रा करने के बाद पर्यटकों को बस से ही सरचु आना होगा। कोई अन्य साधन उपलब्ध नहीं है। चाहें तो निजी वाहन या किराए की गाड़ी से भी आ सकते हैं। अगर यात्री निजी वाहन से आ रहे हैं तो ध्यान रहें कि ड्राइवर पहाड़ी इलाकों में गाड़ी चलाने का एक्सपर्ट हो। सरचु के लिए मनाली से भी बस मिल जाती है।