सावनदुर्ग प्रसिद्ध है अपनी दो पहाड़ियां, मंदिरों और नैसर्गिक सौन्दर्य के लिए। बैंगलोर से 33 कि.मी दूर होने के कारण, भारत के किसी भी कोने से यहाँ पहुँच सकते हैं।
पहाड़ियां और किले
सावनदुर्ग प्रसिद्ध है अपनी दो पर्वतो के लिए, "करिगुडा" और " बिलिगुडा"। ये दोनों पर्वते दक्कन पठार से 1226 मीटर ऊँची है। करिगुडा का अर्थ है काली पहाडी और बिलिगुडा का अर्थ है सफेद पहाडी। विशाल चट्टानों, ग्रेनाईट और लेटराइट से बनी इस पहाड़ियों पर चड़ाई करना बहुत थका देता है पर उत्सुकता के साथ यह चड़ाई काफी रोमांचकारी साबित होगी। इस पहाडी के ऊपर एक पुराना किला है।
सावनदुर्ग के आस पास के पर्यटक स्थल
अगर आप "राँक क्लाइम्बिंग” या "ट्रैकिंग" में रूचि नहीं रखते तो यहाँ पर स्थापित वीरभद्रेश्वर स्वामी मंदिर और नरसिंह स्वामी मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर पहाड़ी की तलहटी पर स्थित है। सैर करते हुए आप मंदिर के आस पास छाई हरियाली और यहाँ पाये जाने वाले अन्य कई प्रकार के पेड -पौधे और पीली गरदन वाली बुलबुल देख सकते हैं। यहाँ कि कई प्राचीन समाधियाँ इतिहासकारों को अपनी ओर आकर्षित करेंगी।
कैसे जाएं सावनदुर्ग
सावनदुर्ग जाने के लिए बैंगलोर से मगडि के लिए कई बसों की सेवा उपलब्द है। मगडि से आगे आप किसी भी बस या रिकक्षा के सहारे सावनदुर्ग पहुँच सकते है। बेंगलौर से मगडि का रास्ता लग - भग 2 घंटे का है।