ठंड के ठीक बाद यानी मार्च-अप्रैल और बरसात के ठीक बाद यानी सितंबर-अक्टूबर शिलांग घूमने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। ठंड के मौसम के बाद ना ही ज्यादा ठिठुरन रहती है और न ही बहुत ज्यादा पानी बरसता है। वहीं बरसात के बाद यहां दिन भर सूरज निकला रहता है और यह समय शिलांग घूमने के लिए आदर्श समय है।
शिलांग में ज्यादा गर्मी नहीं पड़ती है। इस दौरान यहां का अधिकतम तापमान 30 डिसे तक रहता है। अप्रैल के खत्म होते-होते गर्मी दस्तक दे देती है, जो जुलाई मध्य तक रहती है। इस मौसम में आप यहां मूसलाधार बारिश भी देख सकते हैं। बेहतर होगा कि अगर आप गर्मी के मौसम में शिलांग जा रहे हैं तो हल्के ऊनी के कपड़े भी साथ रख लें।
बरसात का मौसम जून से शुरू होता है और सितंबर तक रहता है। हिल स्टेशन होने के कारण यहां बारिश को कोई मौसम निश्चित नहीं है। अगर आप बरसात के मौसम से पहले या बाद में बारिश देखें तो हैरान न हों। इसे ध्यान में रखते हुए आप अपने साथ हल्के ऊनी वस्त्र जरूर ले जाएं।
शिलांग में कड़ाके की ठंड पड़ती है और इस दौरान यहां का तापमान 1 डिसे तक पहुंच जाता है। सुबह के समय कुहरा और दिन के समय धुंध यहां का आम नजारा है। जब यहां कुहासा बहुत ज्यादा घना नहीं होता है तो सूरज की रोशनी माहौल में गर्माहट पैदा करती है और इसे खुशगवार बना देती है।