माधव विलास पैलेस को स्थानीय लोगों के बीच आम बोलचाल की भाषा में '' महल '' के नाम से जाना जाता है जो भव्यता का प्रतीक है। सुंदर बुर्ज, कई छतें और चमकदार संगमरमर की छतें इस महल को आज भी महल के मानकों पर खरा बनाती हैं। महल का बाहरी आवरण हल्के गुलाबी रंग का है जो इसे यहां के वातावरण में सेट कर देता है।
औपनिवेशिक स्थापत्य के कारण यह महल पहले के युगों के अन्य महलों की अपेक्षा अधिक सम्बद्ध है। यह महल अपने सुनहरे दिनों के दौरान सिंधिया शाही परिवार का ग्रीष्ममहल हुआ करता था। इस महल के बुर्ज व छत से आज भी यहां का सुंदर माहौल देखने पर बदला नहीं नजर आता है इसके लिए माधव राष्ट्रीय पार्क धन्यवाद का पात्र है जिसने यहां की प्राकृतिक सौंदर्यता को बनाकर रखा है।
महल की छतों पर शाही परिवारों की महिलाओं की छवि बनी हुई हैं जिनमें वह शिकार से लौटने वाले राजकुमार की प्रतिक्षा कर रही है लेकिन वह आने में देर कर रहे है। वर्तमान समय में इस महल का उपयोग भारत सरकार द्वारा खुफिया ब्यूरों के प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में किया जा रहा है। जबकि पहले यह शाही परिवार का ग्रीष्मकालीन महल हुआ करता था परन्तु अब भारतीय सरकार ने इस महल का सबसे कम रोमेंटिक उपयोग किया गया है।