सिबसागर को शिवसागर के नाम से भी जाना जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ होता है- भगवान शिव का समुद्र। असम की राजधानी गुवाहाटी से 360 किमी दूर स्थित सिबसागर इसी नाम के जिले का जिला मुख्यालय है। यह शहर करीब 100 साल तक अहोम साम्राज्य की राजधानी था, जिससे इसका विशेष ऐतिहासिक महत्व है। यहां 129 एकड़ का एक मानव निर्मित सिबसागर तालाब है, जिसके चारों ओर यह शहर बसा हुआ है।
यहां पाए जाने वाले अहोम काल के ऐतिहासिक स्मारक को इस शहर की जान समझा जाता है। हालांकि आज सिबसागर सिर्फ ऐतिहासिक महत्व का शहर नहीं रह गया है। यहां ढेरों तेल और चाय के बगान हैं, जिससे यह ऊपरी असम का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बन गया है।
अहोम वंश ने असम क्षेत्र पर 600 साल से भी ज्यादा समय तक शासन किया। 1817 में बर्मीज द्वारा उनका पूरी तरह से सफाया कर दिया गया। बाद में इस साम्राज्य को अंग्रेजों द्वारा हड़प लिया गया। अंग्रेजों ने प्रसाशनिक व्यवस्था को चुस्त करने के लिए सिबसागर को तीन सब-डिवीजन में बांटा था।
सिबसागर और आसपास के पर्यटन स्थल
चूंकि यह शहर लंबे समय तक अहोम की राजधानी रहा है, इसलिए सिबसागर में महान अहोम शासकों की कई निशानियां देखी जा सकती हैं। सिबसागर तालाब शहर का सबसे बड़ा आकर्षण है। 200 साल से भी ज्यादा पुराने इस तालाब की ऊंचाई शहर की ऊंचाई से भी ज्यादा है। तालाब के चारों ओर शिवडोल, विष्णुडोल और देवीडोल नाम से तीन महत्वपूर्ण मंदिर है। इन तीनों मंदिरों का निर्माण 1734 में रानी मदम्बिका ने करवाया था।
इसके अलावा यहां और भी कई ऐसी चीजें हैं जो सिबसागर पर्यटन को समृद्ध बनाती हैं। तलातल घर, करेंग घर और गरगांव महल शहर के कुछ खास आकर्षणों में से है। तलातल घर एक सात तल्ले महल का ग्राउंड फ्लोर है, जिसमें दो गुप्त सुरंग भी है। वहीं महल के ऊपरी हिस्से को करेंग घर नाम से जाना जाता है। अगर आप सिबसागर में घूम रहे हैं तो रंगघर नामक नाचघर को देखना न भूलें। रंग घर की छत किसी उल्टे रखे नाव की तरह दिखती है।
कैसे पहुंचें
सड़क मार्ग की स्थिति अच्छी होने के कारण सिबसागर देश के बाकी हिस्सों से अच्छे से जुड़ा हुआ है। रेलवे स्टेशन सिर्फ 16 किमी दूर सिमलगुरी में है। हालांकि शहर में कोई एयरपोर्ट नहीं है और सबसे नजदीकी एयरपोर्ट 55 किमी दूर जोरहट में है।
सिबसागर का मौसम
सिबसागर की जलवायु सेमी-ट्रॉपिकल है, जो पर्यटन की दृष्टि से काफी अच्छी है। यहां मुसलाधार वर्षा होती है और कुछ महीनों तक यह स्थान काफी सीलन भरा रहता है। यहां का अधिकतम तापमान 30 डिसे तक रिकॉर्ड किया गया है, वहीं ठंड के समय में न्यूनतम तापमान 7 डिसे तक पहुंच जाता है।