समाधि, आमतौर पर संतों और महात्माओं की स्मृति में चौकोर व आयताकार रूप में बनाई जाती है। उन्हे पत्थर या ईटों से बनाया जाता है और उनमें महान दिवंगत आत्माओं की राख या अवशेष को रख दिया जाता है। वहां उनकी तस्वीर या मूर्ति को लगवाया जाता है ताकि उनके जीवन और कार्यो को याद किया जा सके।
ऐसी ही एक समाधि संत बाबा बिहारी जी की है जो मुख्य शहर के काफी करीब, सिरसा शहर के पश्चिमी भाग में रनिया सड़क पर स्थित है। जहां समाधि बनी हुई है, उस परिसर में एक सुंदर बगीचा, वाटिका और एक मंदिर भी बना हुआ है।
समाधि पर हर साल, पहली जनवरी को एक मुफ्त भंडारे का आयोजन किया जाता है। यहां आयोजित त्यौहार में सांस्कृतिक और मनोरंजक गतिविधियां, संगीत, खेल, नृत्य, नाटकीय प्रदर्शन, कविता पाठ, खरीदारी, और कई किस्मों के भोजन आदि का लुत्फ भी उठाया जा सकता है। इस त्यौहार में हर उम्र व वर्ग के लिए कुछ - न - कुछ है और साल भर में यहां हजारों पर्यटक आते है।