पयागपुर श्रावस्ती में सबसे लोकप्रिय ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। कभी यह एक भारतीय रियासत थी।पुराने वास्तुकला और इमारतों के अवशेष अभी भी इसके महत्व व तत्कालीन शाही परम्परा को दर्शाते हैं।
अनथपिंडिका स्तूप बुद्ध के प्रमुख शिष्यों में से एक द्वारा निर्मित एक सुंदर स्तूप है।इस प्राचीन स्तूप का शाब्दिक अर्थ है "बेसहारों का दाता"। आज, स्तूप खंडहर मे स्थित है, लेकिन इसकी शानदार नक्काशी और स्थापत्य कला इतिहासकारों और पर्यटकों दोनों का ध्यान आकर्षित करती...
बलरामपुर श्रावस्ती से लगभग 18 किलोमीटर दूर स्थित है और अपनी आधुनिक शैली के मंदिर और स्थापत्य कला के लिए मशहूर है। साहेठ की यात्रा पर आये हुये पर्यटक आमतौर पर इस स्थान का दौरा करते है।
खड़गपुर श्रावस्ती से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक प्राचीन नगर है। यहां अक्सर लोग भगवान शिव को समर्पित पृथ्वी नाथन महादेव मंदिर के दर्शनों हेतु आते हैं।
सहेठ श्रावस्ती के बीचों-बीच बसा हुआ है तथा यहां कट्टर बौद्ध खूब आते है। यह बौद्ध मंदिरों की विशाल समूह के लिए प्रसिद्ध है। इस स्थान का उल्लेख कई हिंदू ग्रंथों में भी मिलता है। हालांकि प्राचीन काल में साहेठ शिक्षण, प्रशिक्षण और पूजा का एक समृद्ध केंद्र था किन्तु...
महेठ श्रावस्ती में स्थित एक लोकप्रिय बौद्ध मंदिर है।इतिहास के अनुसार माहेठ श्रावस्ती के प्राचीन शहर के वास्तविक स्थल था। 400 एकड़ में फैले यह स्थान एक शांतिपूर्ण क्षेत्र है यहां पुराने स्तूप और बौद्ध मंदिरों के प्राचीन खंडहर मौजूद हैं। यह स्थल साइट कई वर्षों तक...
जेतवन मठ प्राचीन काल के मुख्य बौद्ध मठों में से एक था।यह गौतम बुद्ध को समर्पित दूसरा मठ था तथा उनके धर्म और उनकी शिक्षाओं के प्रचार-प्रसार के लिए इस्तेमाल किया जाता था। यही मुख्य स्थान था जहां गौतम बुद्ध ने अपने उपदेश दिये थे। अनेक बौद्ध अवशेषों को देखने व अपने...