कारीघट्टा पहाड़ियों पर समुद्रतल से 2697 मी. ऊपर स्थित कारीघट्टा मंदिर देखने का सुझाव सभी यात्रियों को दिया जाता है। यह मंदिर भगवान बैकुंठ श्रीनिवास अथवा भगवान विष्णु को समर्पित है और यहाँ भगवान की छः फीट लंबी काली मूर्ति है। ऐसा माना जाता है कि यह प्रतिमा भृगु ऋषि द्वारा स्थापित की गई थी।
भगवान विष्णु की प्रतिमा मंदिर के बीच में प्रतिष्ठित है जबकि देवी पद्मावती की प्रतिमा इस मंदिर के भीतर पष्चिम दिशा की ओर स्थित है। पर्यटक इस मंदिर के पास गरुड़ की मूर्ति और भगवान विष्णु के पदचिह्न भी देख सकते हैं। इसके अलावा परिसर में एक बड़ा वैवाहिक हाल है और ऐसी मान्यता है कि यहाँ पर विवाह सम्पन्न होना विवाहित जोड़े के लिए शुभ होता है।
पहाड़ी की चोटी से पर्यटक श्रीरंगापट्नम और मैसूर के खूबसूरत नज़ारों के साथ कावेरी और लोकपावनी नदियों के संगम का नज़ारा भी देख सकते हैं। यहाँ आने का सबसे अच्छा समय पारंपरिक ‘कार त्योहार‘ के दौरान होता है जो फरवरी और मार्च के महीने में होता है।