तमिलनाडु के विरुधिनगर में स्थित श्रीविल्लीपुतुर अपने अंदल मंदिर के लिए प्रसिद्ध एक प्राचीन शहर है। यह सच है कि यह मंदिर 2000 सालों से भी अधिक पुराना है। हिंदु पौराणिक कथाओं के अनुसार यहाँ भगवान के दिव्य देशम में से एक होने के कारण इस जगह को बहुत पवित्र माना जाता है।
यह मंदिर मदुरई से केवल 74कि.मी. दूर है। यह यकीनन द्रविड़ वास्तुकला के सबसे बड़े नमूनों में से एक है। इस मंदिर में भगवान विश्राम की मुद्रा में है। इसके अलावा, गर्भगृह के ठीक नीचे स्थित हाॅल लकड़ी की नक्काशियों से सुसज्ज्ति है। इस मंदिर की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि इस मंदिर की टावर के चित्र का उपयोग तमिलनाडु सरकार ने अपनी सरकारी मुहर में किया है।
इस मंदिर के परिसर में दो महत्वपूर्ण उत्सव होते हैं। एक आनी अलवर उत्सव और दूसरा एनाइकप्पू।