पेरुमल देवता तमिलनाडु के वतपत्रसयी मंदिर में वतपत्रसयी के रूप में विराजमान है। यह मंदिर श्रीविल्लीपुतुर के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर वैष्णव परंपराओं की सबसे बड़ी जगहों में से एक माना जाता है। विशेषज्ञों द्वारा ऐसा कहा गया है कि यह मंदिर ईसा पूर्व से पहले बनाया गया था।
इस मंदिर की एक और सबसे बड़ी विशेषता है कि इसका उल्लेख प्रसिद्ध ब्रह्मकैवत्स पुराण में किया गया है। यह सच है कि मदुरई नायक के शासनकाल में इस मंदिर की मरम्मत का कार्य हुआ था। इस मंदिर के परिसर में 6 प्रार्थना सेवाएं हैं जो सालभर होती रहती हैं।
स्थानीय लोग इस देवता को बहुत शुभ मानते हैं और ऐसी मान्यता है कि जो भी इस मंदिर में आता है, उसकी मनाकामनाएं पूरी हो जाती है। 108 दिव्यमों में से यह सबसे पवित्र है। सालभर और मुख्यरूप से त्योहारों के दौरान हज़ारों तीर्थयात्री इस मंदिर में आते हैं।