मुग़लसराय मूलरूप् से एक सराय या सरायखाना है जो 17वीं सदी में मुग़ल सम्राट शाहजहाँ के शासनकाल के दौरान बनवाई गई थी ताकि हज के लिए मक्का जाने वाले तीर्थयात्रियों को ठहरने की जगह मिल सके। 1857 में कुछ समय के लिए इस इमारत को जेल में तब्दील कर दिया गया था और वर्तमान में यह सूरत नगर निगम का कार्यालय है।