तेलेंगाना, भारत के आंध्र प्रदेश से राज्य से अलग हुआ राज्य है, आपको बता दें कि निज़ाम के शासनकाल में तेलेंगाना हैदराबाद स्टेट के अधीन था। यदि तेलेंगाना को ध्यान से देखा जाये तो मिलता है कि ये राज्य के दो बड़े हिस्सों मेडक और वारंगल का भाग है जो कि पहले आंध्र प्रदेश से जुड़ा हुआ था । 2 जून 2014 को आंध्र प्रदेश से प्रथक हुआ तेलेंगाना आज एक अलग राज्य है, जिसकी राजधानी फिलहाल हैदराबाद ही है। यदि भौगोलिक तौर पर देखा जाये तो वर्तमान तेलेंगाना की सरहद उत्तर और उत्तर पश्चिम में महाराष्ट्र, उत्तर पूर्व में छत्तीसगढ़, पश्चिम में कर्नाटक और पूर्व में ओडिशा से मिलती है।
राज्य को कैसे मिला ये नाम
राज्य का तेलेंगाना नाम तेलुगू शब्द से लिया गया है। ज्ञात हो कि तेलुगू राज्य की प्रमुख भाषा है और तेलेंगाना राज्य को वर्तमान में 'तेलुगूभाषियों की भूमि' की दर्जा दिया गया है।
संस्कृति से कीजिये मुलाकात
चूँकि तेलेंगाना में अलग अलग सभ्यताऔर संस्कृति के लोग रह रहे हैं तो यहां आपको अलग अलग संस्कृतियों का समागम देखने को मिलेगा। इसके अलावा आप राज्य में फारसी प्रभाव की भी एक अच्छी झलक देख सकते है, आपको बताते चलें कि फारस की ये झलक आपको राज्य कि कला और खाने में भी दिखेगी। ज्ञात हो कि एक दक्षिण भारतीय राज्य होने के बावजूद आज तेलेंगाना में उत्तर भारत के कई प्रमुख त्योहारों को भी बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। यदि राज्य में कला की बात हो तो पोथाना( जिन्होंने श्री भागवत का तेलुगू में अनुवाद किया ) के कारण कला के क्षेत्र में भी तेलेंगानाको विशेष दर्जा प्राप्त है। यदि तेलेंगाना के पर्वों और उत्सवों की बात हो तो बोना, बठुकम्मालू और सम्मक्का सरलाम्मा जतारा राज्य के प्रमुख पर्व है। यहां दशहरा गणेश चतुर्थी और उगादी को भी बड़े धूम धाम से मनाया जाता है।
राज्य का भोजन
भोजन और खानपान के क्षेत्र में भी आज तेलेंगाना अपनी एक ख़ास पहचान रखता है। यदि आप राज्य के भोजन को देखें तो आपको मिलेगा कि राज्य का भोजन दो भागों तेलुगू और हैदराबादी क्यूजीन में वर्गीकृत है। जहां तेलुगू क्यूजीन शुद्ध दक्षिण भारतीय क्यूजीन है तो वहीं हैदराबादी क्यूजीन में आपको अरब तुर्की और मुगलाई स्वाद का मिला जुला जायका चखने को मिलेगा।
तेलेंगाना में पर्यटन
आज तेलेंगाना भारत का वो स्थान है जो हर साल लाखों पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। यहां हैदराबाद स्थित चार मीनार, थए पापी हिल और कुंतला वॉटरफॉल्स आने वाले पर्यटकों के बीच आकर्षण का मुख्य केंद्र हैं। आज राज में कई महत्त्वपूर्ण मंदिर जैसे भद्राचलम, हज़ार खम्बों का मंदिर, श्री राजा राजेश्वारा स्वामी मंदिर भी अपनी सुन्दरता और बेमिसाल वास्तु के चलते हर साल लाहों पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं।
राज्य के भीतर परिवहन
परिवहन सुलभ और सुचारू होने के कारण पर्यटक देश के किसी भी हिस्से और विदेश से भी आज आसानी से तेलेंगाना पहुँच सकते हैं। हैदराबाद स्थित राजीव गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा राज्य को भारत के सभी प्रमुख हिस्सों और विदेश से भी जोड़ने का काम करता है। इसके अलावा देश के सभी प्रमुख शहरों से तेलेंगाना पहुँचने के लिए ट्रेन और बसें भी उपलब्ध हैं।