दा परबतिया 6 वीं शताब्दी का हिन्दू मंदिर है जो भगवान् शिव को समर्पित है। इस मंदिर का संरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा किया जाता है क्योंकि इसे एक विरासत का दर्जा प्राप्त है। असम की सबसे पुरानी जीवित मूर्तिकला का नमूना होने के कारण इसे राज्य में बहुत सम्मान प्राप्त है। 1897 में असम में जो भूकंप आया था उसमें इस मंदिर की अधिकांश वास्तविक संरचना नष्ट हो गई थी।
दा परबतिया मंदिर की दीवारों पर पाई जाने वाली अधिकांश नक्काशी गुप्त काल से मिलती जुलती है। मंदिर के दरवाज़े पर देवी गंगा और यमुना की मूर्तियाँ हैं। इन्हें नाज़ुक पत्तियों से सजाया गया है तथा इनके हाथ में माला दर्शायी गई है। दरवाज़े की फ्रेम पत्थर की एक गुफा के सामने है जहाँ वास्तविक शिवलिंग रखा जाता था।
दा परबतिया की सैर पर्यटकों को इस समय की सूक्ष्म कला कृति की झलक देखने का अवसर प्रदान करती है।